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स्कूलों में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध, तो शिक्षा विभाग पर उठने लगे सवाल..

When media personnel were banned from entering schools, ques

Desk- बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने अब सरकारी स्कूल में मीडियाकर्मियों  के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसको लेकर विभाग की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है इस आदेश के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है. समाज का एक वर्ग को लग रहा है कि स्कूल की कमियों को उजागर करने से रोकने के लिए शिक्षा विभाग में यह कदम उठाया है जिससे कि उसकी लापरवाही लोगों के सामने ना आ सके, वहीं दूसरी और सरकार के कदम का समर्थन करते हुए कुछ लोग ये टिप्पणी कर रहे हैं कि  मीडिया कर्मियों के नाम पर कुछ  असामाजिक तत्व स्कूल में प्रवेश करके मनमानी और वसूली का काम करते थे जिसको रोकने के लिए यह कदम सही है.

बताते चलें कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने आदेश जारी किया है.इस आदेश क़े अनुसार प्रेस ब्रीफ के लिए केवल प्रधानाध्यापक अधिकृत रहेंगे। मीडिया या किसी संस्था को अपने उद्देश्य के लिए विद्यालय प्रवेश पर विभाग से आदेश लेना होगा। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी किया है। प्रधानाध्यापक के अलावा कोई शिक्षक या शिक्षाकर्मी मीडिया से बात नहीं कर सकते हैं।
इस पत्र में अपर सचिव ने लिखा है कि  विद्यालय की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। विगत दिनों में यह देखा गया है कि विभागीय आदेश के बिना कई संस्था के प्रतिनिधि/व्यक्ति विभिन्न उद्देश्यों और विभिन्न उपकरण जैसे माइक, कैमरा के साथ विद्यालय परिसर में जाकर वहां के शैक्षणिक कार्य में व्यवधान उत्पन्न करते हैं।शिक्षा विभाग ने पत्रकारों को लेकर एक बड़ा निर्देश जारी किया है. इस निर्देश के अनुसार अब कोई भी पत्रकार विद्यालय में किसी छात्र या अध्यापक से बात भी नहीं कर सकते. 

शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने एक पत्र जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि विद्यालय में पत्रकारों के माइक, कैमरा इत्यादि लेकर घुसने और टीचर या छात्रों से बात करने पर रोक लगा दी है. प्रेस को किसी भी मामले की जानकारी देने के लिए सिर्फ प्रधानाध्यापक ही अधिकृत होंगे. 

बता दें कि इससे पहले सरकारी स्कूलों में मीडिया और अन्य तरह के लोग बिना रोक-टोक के घुस जाते थे। कई यूट्यूबर भी उन स्कूलों की दुर्दशा को दिखाते थे जहां पर बदहाली है। इससे प्रशासन और सरकार की छवि पर भी असर पड़ता था। कुछ लोग स्कूलों में जाकर रील भी बनाते थे। अब मीडिया के लोगों को भी सरकारी स्कूल में इजाजत लेकर जाना होगा। वरना एंट्री नहीं मिलेगी। साथ ही प्रधानाचार्य ही बाइट दे सकेंगे। 

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