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काराकाट में जब नामांकन हुआ रद्द, तो अभ्यर्थियों ने लगाए गंभीर आरोप

When nomination was cancelled in Karakat, candidates made se

AURANGABAD-बिहार की हॉट सीट बनी काराकाट संसदीय सीट के लिए नामांकन दाखिल करनेवाले 27 में से 13 उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होने के बाद बवाल मचा है। रद्द होने से नाराज अभ्यर्थियों ने साजिश के तहत नामांकन रद्द किए जाने का आरोप लगाया है। वही मामले को लेकर निर्वाचन आयोग से भी शिकायत की गई है। साथ ही एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रत्याशी व पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा का नाम निर्देशन पत्र स्वीकृत होने के बावजूद उनके नामांकन पत्र में भी त्रुटियां गिनाई जा रही है।

. मामले में नाम निर्देशन पत्र रद्द होने के जद में आए अभ्यर्थियों ने साजिश के तहत अभ्यर्थिता रद्द किए जाने का आरोप लगाया है। अभ्यर्थिता रद्द किए जाने पर निर्दलीय किरण प्रभाकर ने निर्वाची पदाधिकारी पर ही सीधा आरोप लगाया, और कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर बिक गए है। इसी कारण उनका नामांकन रद्द किया गया है। कोई भी उम्मीदवार योग्य नही है। इस कारण वें अपने समर्थकों से नोटा का बटन दबवाएंगी। 


     वही राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी(सत्य) के उम्मीदवार रहे प्रिंस कुमार सिंह ने भी नामांकन रद्द किए जाने पर सवाल उठाया है। कहा कि उनका नामांकन व्हाईटनर के इस्तेमाल के कारण रद्द किया गया है तो रिटर्निंग ऑफिसर यह बताएं कि व्हाईटनर का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है।           मामले में एक और निर्दलीय प्रत्याशी रहे सनोज कुमार सिंह ने कहा कि हम गरीब किसान के बेटे है। इस कारण उनका नामांकन रद्द किया जबकि त्रुटि रहने के बावजूद बड़े लोगों का नामांकन रद्द नही किया गया है। 

मामले में अधिवक्ताओं ने भी अलग-अलग विचार रखे हैं है। हरिद्वार सिंह ने मामलें में कानूनी पहलुओं की जानकारी देते हुए कहा कि यदि किसी उम्मीदवार को अपनी अभ्यर्थिता रद्द होने पर आपत्ति है और किसी अन्य अभ्यर्थी के नामांकन पत्र में त्रुटि की शिकायत है, तो इसके लिए वें कोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर सकते है। वही दूसरे अधिवक्ता जनेश प्रसाद ने एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा के नाम निर्देशन पत्र में कई त्रुटियां गिनाई। कहा कि उनके नाम निर्देशन पत्र में एक नही बल्कि अनेक त्रुटियां है। यह आपराधिक कृत्य है और इसके लिए आपराधिक मुकदमा भी किया जा सकता है।     

             वहीं मामले में अपना नामांकन पत्र स्वीकृत होने के बावजूद निर्दलीय प्रत्याशी व भोजपुरी के स्टार पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के नाम निर्देशन पत्र में त्रुटियों को लेकर निर्वाचन आयोग से शिकायत की है। जबकि उपेंद्र कुशवाहा ने आरोपों का बचाव किया है.

औरंगाबाद से गणेश की रिपोर्ट

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