New Delhi : कहते हैं चोर का न कोई ईमान होता है, न धर्म। मगर, मंदिर से राधा-कृष्ण की 100 साल पुरानी मूर्तियां चुराने के बाद एक चोर में भगवान के प्रति आस्था जाग गई। उसने कहा कि मंदिर से अष्टधातु की मूर्ति चुराने के बाद उसका बेटा बीमार पड़ गया। उसे भी बुरे सपने आ रहे हैं। इसके बाद चोर ने रात में मंदिर में जाकर वापस मूर्तियां रख दीं। मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है। जिले के गंगा नगर जोन में एक हफ्ते पहले नवाबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत श्रृंगवेरपुर धाम के गऊघाट आश्रम स्थित श्रीराम जानकी मंदिर का ताला तोड़कर 100 साल पुरानी मूर्तियां चोरी कर ली गईं थीं।
23 सितंबर को की थी चोरी
पुलिस ने चोरी का केस दर्ज किया था। हालांकि, चोरी के एक हफ्ते बाद ही चोर का ईमान जागा और उसने मूर्तियों को वापस रख दिया। बताया जा रहा कि मूर्ति के पास से पुलिस को एक पत्र भी मिला है। उस पत्र में चोर ने माफीनामा लिखा है। मूर्ति लौटाने की बात कही है। चोर ने लिखा-राधा-कृष्ण चुराए तो बेटा बीमार हो गया। बुरे सपने आ रहे है, मूर्तियां वापस रख लीजिए। ग्रामीणों के मुताबिक मूर्तियां चोरी होने से आहत आश्रम के महंत ने अन्न-जल त्याग दिया था। महंत को संबोधित पत्र में चोर ने लिखा-महाराज! मुझसे बहुत बड़ी भूल हुई, जब से मैंने मूर्ति चोरी की है मेरे साथ गलत हो रहा है, मुझे माफ़ कर दें। इन मूर्तियों को फिर से मंदिर में स्थापित करें।
चोर का पता नहीं लगा सकी है पुलिस
आश्रम के महंत स्वामी जयराम दास की तहरीर पर नवाबगंज पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था। हालांकि, पुलिस अब तक चोर का पता नहीं लग सकी है। एसीपी सोरांव जंग बहादुर यादव का कहना है कि राम-जानकी मंदिर से मूर्तियां चोरी होने की सूचना मिली थी। इस मामले में नवाबगंज पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है। चोर के माफ़ीनामे के संबंध में जांच की जा रही है।