आज यानि कि 25 दिसंबर को पूरे दुनिया में धूमधाम से क्रिसमस मनाया जा रहा है. इस पर्व की खासियत यह भी है कि, इसे केवल ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा ही नहीं बल्कि सभी धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता है. गरीब से लेकर अमीर सभी तबके के लोगों के बीच एक अलग ही उत्साह देखने के लिए मिलती है. पूरी दुनिया में क्रिसमस को लेकर रौनक देखी जाती है. लेकिन, इस पर्व पर एक खास शख्स को लेकर बेहद उत्साह देखा जाता है और ये खास शख्स कोई और नहीं बल्कि सैंटा क्लॉज है. कहा जाता है कि, क्रिसमस के दिन सैंटा क्लॉस आते हैं और लोगों की विश पूरी करते हैं.
कहां के थे सैंटा क्लॉस
लेकिन, क्या आपको पता है कि सैंटा क्लॉस की कब्र कहां पर है ? क्या सच में सैंटा क्लॉज थे ? हालांकि, उनके कब्र को लेकर कहा जाता है कि, सैंटा क्लॉस की कब्र आयरलैंड में है. लेकिन, इसमें आखिर कितनी सच्चाई है ? दरअसल, दुनिया जिसे सैंटा क्लॉस के नाम से जानती है वह कोई जादुई पुरुष नहीं थे. बल्कि यूरोप के मशहूर सैंट निकोलस थे. उनका जन्म 280 ईस्वी में तुर्कमेनिस्तान के शहर मायरा में हुआ था. ऐसा कहा जाता है कि भगवान यीशू की मृत्यु के बाद उनका जन्म हुआ था. वहीं, अगर सैंटा क्लॉज यानी सेंट निकोलस की मृत्यू की बात करें तो वो 6 दिसंबर 343 में मायरा शहर में हुई थी.
बच्चों से था बेहद खास लगाव
उनकी कब्र को लेकर कहा जाता है कि वो आयरलैंड में हैं. लेकिन सैटा क्लॉज की कब्र को लेकर अलग-अलग जानकारों के अलग-अलग मत है. कुछ का कहना है कि, तुर्की के अंतालया में सेंट निकोलस चर्च के अंदर उनका कब्र है. तो वहीं आयरलैंड के इतिहासकारों का कहना है कि, सैंटा क्लॉज कि उनकी कब्र को तुर्की से वापस लाकर से इटली में दफना दिया गया है. संत निकोलस यानी सैंटा कला के जन्म का सीधा संबंध भगवान यीशु के जन्म से नहीं रहा है. लेकिन, बावजूद इसके क्रिसमस के त्यौहार सैंटा क्लॉस के बिन अधूरा माना जाता है. यह भी कहा जाता है कि, सैंटा क्लॉस यानी सैंट निकोलस को बचपन से ही बच्चों से बेहद लगाव था और वह बेहद छोटी सी उम्र में ही पादरी बन गए थे. बच्चों को छुपाकर गिफ्ट देने के चलते उन्हें सैंटा क्लॉस कहा जाने लगा और अब तक यह काल्पनिक पात्र दुनिया भर में प्रचलित है. इसके साथ ही आज भी सैंटा क्लॉस को लेकर खासकर बच्चों में खासा उत्साह देखने के लिए मिलता है.