लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर केस चलेगा या नहीं. इस पर फैसला आज होना है. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में CBI के स्पेशल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी. अगर कोर्ट CBI की ओर से दायर चार्जशीट को एक्सेप्ट कर लेती है और तेजस्वी के खिलाफ एफआईआर चलाने की अनुमति देती है तो तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, उन्हें जमानत लेनी होगी.
लैंड फॉर जॉब का ये पूरी तरह से नया केस है. पुराने केस में पहले ही राजद सुप्रीमो लालू यादव, बिहार की पूर्व CM राबड़ी देवी और बेटी और सांसद मीसा भारती जमानत पर हैं. नए केस में भी लालू और राबड़ी को आरोपी बनाया गया है. इनके साथ तेजस्वी यादव को भी दोषी बताया गया था. CBI ने 3 जुलाई को तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
आपको बता दें कि 12 सितंबर को केंद्र सरकार की ओर से CBI को पूर्व रेल मंत्री लालू यादव पर केस चलाने की अनुमति मिल चुकी है. 1 महीने पहले CBI ने केंद्र से लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी. CBI ने कोर्ट को बताया है कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित लैंड फॉर जॉब्स केस में ताजा आरोप पत्र के संबंध में गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है.
क्यों जरूरी है इसमें गृह मंत्रालय की मंजूरी
CBI के मुताबिक उनकी तरफ से लालू यादव के अलावा रेलवे के 3 अधिकारियों के खिलाफ भी केस चलाने की अनुमति मांगी थी, जो अभी नहीं मिली है. बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामला तब का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. इसलिए गृह मंत्रालय से अनुमति लेना जरूरी था.
लैंड फॉर जॉब मामले में जांच के बाद ED लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की 6 करोड़ 2 लाख रुपए की संपत्ति अटैच कर चुकी है. इसमें गाजियाबाद और बिहार की संपत्ति शामिल हैं. अटैच की गई संपत्तियों में नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित डी-1088 है, जो आवासीय परिसर है. इसका स्वामित्व मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है. आरोप है कि इस 4 मंजिला बंगले को साल 2011 में मात्र 4 लाख रुपए में अधिग्रहित किया गया था. इस पते पर लालू परिवार की कई कंपनियां रजिस्टर्ड हैं. इसका खुलासा इसी साल 10 मार्च को ED की तलाशी में हुआ था.
पटना के महुआबाग (दानापुर) की दो जमीन. इनमें एक का स्वामित्व राबड़ी देवी के पास और दूसरे का मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है. पटना के बिहटा में एक जमीन. यह लालू यादव की बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती के नाम पर है.गाजियाबाद के साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया में 2 जमीन. इनमें एक प्लॉट लालू यादव की बेटी हेमा यादव के पति विनीत यादव के नाम पर है, जबकि दूसरा प्लॉट हेमा यादव के ससुर शिव कुमार के नाम है.
लैंड फॉर जॉब मामले में कैसे आया तेजस्वी का नाम
2004 से 2009 तक लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू प्रसाद ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन ट्रांसफर के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाईं. CBI ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं थी. वहीं, दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित मकान संख्या D-1088 (एबी एक्सपोर्ट्स प्रा.लि.) के नाम रजिस्टर्ड है.
इस कंपनी के मालिक तेजस्वी प्रसाद यादव और उनका परिवार है. इस संपत्ति की आज बाजार में कीमत 150 करोड़ रुपए है. इसे खरीदने में मुंबई के जेम्स और ज्वेलरी के कारोबारियों ने पैसे लगाए. कागज पर यह कंपनी का ऑफिस है, लेकिन तेजस्वी इसे अपने घर की तरह इस्तेमाल करते हैं. तेजस्वी ने 9 नवंबर 2015 को इस कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि तेजस्वी कहते हैं कि जिस समय का यह मामला है, उस समय वे काफी छोटे थे.
ED ने कहा था- 600 करोड़ रुपए का है लैंड फॉर जॉब घोटाला
लैंड फॉर जॉब केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा था कि यह 600 करोड़ का घोटाला है. जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए के लेनदेन हुए हैं. इस मामले में 24 जगह छापे मारे गए. इनमें एक करोड़ कैश मिले थे. बता दें कि रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी की 50% कैंडिडेट्स की भर्ती लालू परिवार के चुनावी क्षेत्रों से हुई है.