पटना: बिहार चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन दोनों ही तरफ बात अंतिम दौर में होने और सबकुछ ठीक होने का दावा किया जा रहा है लेकिन मैराथन बैठकों के बाद भी अब तक सीट शेयरिंग पर अंतिम रूप से कुछ भी तय नहीं हो सका है। एक तरफ NDA में चिराग और मांझी ने रोड़ा अटका दिया है तो दूसरी तरफ महागठबंधन में भी कुछ बातें अटकी हुई है। दोनों ही गठबंधन अपनी तरफ से पूरा जोर लगा रहा है कि सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला हो और फिर प्रत्याशियों को सिंबल दिया जाये ताकि क्षेत्र में प्रचार प्रसार हो सके लेकिन कुछ न कुछ रोड़े बीच में अटक ही जा रहे हैं।
चिराग-मांझी अड़े
एक जानकारी के अनुसार NDA में सब कुछ ठीक नहीं है। भाजपा-जदयू ने आपस में बात तो तय कर लिया है लेकिन सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी रोड़े अटका रहे हैं। जानकारी मिल रही है कि मांझी को कम से कम 15 सीटों की मांग के विरुद्ध 8 सीटें ऑफर की जा रही है तो दूसरी तरफ चिराग भी कम से कम 30 और डिप्टी सीएम के पद पर अड़े हैं जबकि उन्हें भाजपा 22 से 25 सीटों तक का ऑफर कर रही है। चिराग पासवान ने बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट कर अंतिम समय तक अड़े रहने और लड़ने के संकेत दिए हैं तो दूसरी तरफ मांझी ने सीधे सीधे कह दिया कि हम अपनी पार्टी को मान्यता दिलवाने की कोशिश कर रहे हैं और इसके लिए हमें 15 सीटें चाहिए। अगर हमें सम्मानजनक सीट नहीं मिलती है तो फिर हम चुनाव में एक भी सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। वहीं दूसरी तरफ चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि 'पापा हमेशा कहा करते थे — "जुर्म करो मत, जुर्म सहो मत। जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो।" चिराग के इस पोस्ट को राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है और कहा जा रहा है कि चिराग पासवान अंतिम समय तक अपनी मांग से कम सीट पर तैयार नहीं होंगे। वे 2024 लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट को आधार बना कर विधानसभा चुनाव में 30 से 40 सीटों की मांग कर रहे हैं।
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डिप्टी सीएम पद पर हो रही जंग
दूसरी तरफ महागठबंधन की बात करें तो सीट शेयरिंग को लेकर मामला तो लगभग तय हो गया है। एक जानकारी के अनुसार कांग्रेस 55 सीटों पर मान गई है तो दूसरी तरफ पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को भी तेजस्वी ने 20 सीटों पर मना लिया है। लेफ्ट की बात करें तो पिछली बार 60 सीटों से कुछ सीटें बढाई जा सकती है। इसके साथ ही तेजस्वी राजद के खाते से पशुपति पारस की पार्टी को 4 से 6 सीटें दे सकते हैं वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम को भी 2 से तीन सीटें दे सकते हैं। महागठबंधन में सीट शेयरिंग के बावजूद अब तक घोषणा नहीं किये जाने के पीछे बताया जा रहा है कि सीएम और डिप्टी सीएम फेस को लेकर राड़ मची हुई है। एक तरफ सीएम और डिप्टी सीएम फेस पर कांग्रेस शुरू से कह रही है कि जिसके बाद जैसी संख्या होगी उसे वैसा सम्मान मिलेगा तो दूसरी तरफ मुकेश सहनी शुरू से ही महागठबंधन की सरकार में अपने आप को उप मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट कर रहे हैं। इन्हीं मुद्दों पर महागठबंधन ने अब तक सीट शेयरिंग पर कुछ भी क्लियर नहीं किया है। तेजस्वी यादव समेत सभी घटक दलों की पिछले तीन दिनों से लगातार बैठकें चल रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि आज शाम तक महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला सबके सामने जारी किया जायेगा।
NDA की भी होगी बड़ी बैठक
NDA में चिराग-मांझी के रूठ जाने के बाद भाजपा नेतृत्व लगातार बैठकें कर रही है। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि बुधवार की शाम राजधानी पटना में NDA के घटक दलों के नेताओं के साथ भाजपा के चुनाव प्रभारी और संगठन प्रभारी बैठक करेंगे। बैठक में जदयू के साथ ही चिराग, मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से भी प्रतिनिधि शामिल होंगे। माना जा रहा है कि बुधवार की बैठक के बाद NDA भी सीट शेयरिंग पर अपना अंतिम फैसला ले सकता हिया और फिर इसकी जानकारी मीडिया में साझा की जा सकती है।
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