बिहार में कहने को तो शराबबंदी है लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद यह पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया है. सीएम नीतीश कुमार के कई बार जागरूकता अभियान के बावजूद लोगों की मनमानी नहीं थम रही. ताजा मामला सुपौल से सामने आया है. जहां पति के शराब की लत से उसकी पत्नी के साथ बच्ची भी परेशान थी. जिसके बाद इससे तंग आकर बीवी और बच्ची ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का प्रयास किया. हालांकि, सभी को समय पर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां, डॉक्टर ने तीनों की हालत में सुधार की बात कही है.
बता दें कि, यह घटना राघोपुर थाना क्षेत्र के नगर पंचायत सिमराही अंतर्गत एफसीआई रोड स्थित वार्ड 12 की है. जहां, सुबह एक ही परिवार के तीन लोगों ने जहर खाकर अपनी जीवन समाप्त करने का प्रयास किया. हालांकि, स्थानीय लोगों के सहयोग से तीनों को रेफरल अस्पताल राघोपुर पंहुचाया गया. जहां, चिकित्सकों के द्वारा सभी की जान बचा ली गई. वहीं, परिजनों ने बताया कि, 30 वर्षीय सत्यनारायण दास ट्रैक्टर का मिस्त्री है. पहले वह ट्रैक्टर ठीक करने का काम करता था और इसी से वह अपने परिवार का भरण-पोषण करता था.
इस बीच उसे शराब की बुरी लत लग गई. जिस कारण वह कई दिनों से काम पर नहीं जा रहा था. आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाने के कारण उसकी पत्नी ने लोगों के घर पर जा कर काम करना शुरू किया और इसी से वह फिलहाल अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी. लेकिन, उसका पति उसके मजदूरी के रुपये पर भी नजर रखता था. शराब पीने के लिए पत्नी से जोर जबरदस्ती रुपया ले लेता था. बताया गया कि, पत्नी जब इसका विरोध करती थी तो पति के द्वारा पत्नी और बच्ची के साथ मारपीट की जाती थी. जिससे तंग आकर बच्ची ने अपनी मां को जहर खाने के लिए तैयार कर खुद भी जहर खा लिया.
जिसे देखकर बाद में सत्यनारायण दास ने भी जहर खाकर खा लिया. वहीं, जब इस पूरे मामले की जानकारी आस-पास के लोगों को मिली तब लोगों ने पति-पत्नी और बच्ची को बेहोशी अवस्था में उठाकर हॉस्पिटल पहुंचाया. जहां, नाबालिग लड़की की हालात काफी बिगड़ गई थी. ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक नीलेश प्रधान और कर्मी के अथक प्रयास से तीनों की जान बच गई. वहीं, डॉ. नीलेश प्रधान ने बताया कि, फिलहाल तीनों खतरे से बाहर है.