झारखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. जिसमें विपक्ष की ओर से जमकर हंगामा देखने के लिए मिल रहे हैं. इस बीच अब तक पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली है. जिसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि, क्या हेमंत सोरेन विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होंगे या नहीं ? इसे लेकर 26 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. बता दें कि, ईडी की विशेष अदालत से डबल झटका लगने के बाद हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया था. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई है.
अदालत ने हेमंत सोरेन की याचिका की खारिज
लेकिन, ईडी की विशेष अदालत ने हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी, तो उनके वकील ने झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में याचिका दाखिल की. याचिका में कहा गया कि, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति मिलनी चाहिए. यह उनका संवैधानिक अधिकार है. शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस याचिका पर जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद जस्टिस एसएन प्रसाद ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करने के बाद हाईकोर्ट की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया गया.
26 फरवरी को होगी केस की सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि, इस केस की सुनवाई 26 फरवरी को होगी. महाधिवक्ता राजीव रंजन और सीनियर एडवोकेट पीयूष चित्रेश ने हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन का पक्ष रखा. मालूम हो कि, 31 जनवरी की रात को गिरफ्तारी के बाद 5 फरवरी को हेमंत सोरेन विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में शामिल हुए थे. पीएमएलए कोर्ट की अनुमति से वह चंपाई सोरेन सरकार के शक्ति परीक्षण में शामिल हुए थे. लेकिन, इस बार ईडी के विशेष जज राजीव रंजन की अदालत ने हेमंत सोरेन को विधानसभा के सत्र में शामिल होने की अनुमति देने से इंकार कर दिया.
ईडी के वकील ने किया विरोध
पीएमएलए कोर्ट में हेमंत सोरेन के वकील की दलील का ईडी के वकील ने विरोध किया. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के वकील ने विशेष अदालत में जज राजीव रंजन के सामने हेमंत सोरेन के अधिवक्ता की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन अभी गिरफ्तार हैं. गिरफ्तारी की स्थिति में उनके अधिकार सीमित हो जाते हैं. इसलिए उन्हें विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए.