क्या बिहार में सत्ता पलट होने वाला है ? क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो जायेंगे ? इन तमाम सवालों के जवाब अभी से कुछ ही घंटों में मिल सकता है. बिहार की सियासत में इन दिनों पूरी तरह से बवाल मचा हुआ है. जेडीयू से लेकर आरजेडी और बीजेपी खेमा अलग-अलग बैठकें कर रहा है. दिल्ली से लेकर पटना तक नेताओं की व्यस्तता है. कहा जा रहा कि, कभी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना खेमा बदल सकते हैं. सीएम नीतीश के एक बार फिर से एनडीए में शामिल होने को लेकर खबरों ने तूल पकड़ लिया है और इसकी वजहें पिछले दिनों से लेकर आज तक की तमाम गतिविधियों को बताया जा रहा है. हालांकि, जैसा कि सभी जान रहे कि जो अंतिम फैसला है वह सीएम नीतीश कुमार को ही लेना है.
एक हफ्ते से शुरु हुई हलचल
इधर, पिछले दिनों से लेकर आज तक की गतिविधियों पर नजर डालें तो, बिहार में राजनीतिक हलचल की खबरें तो एक हफ्ते से चल रही थीं. लेकिन, जनननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती से एक दिन पहले बीजेपी ने जो मास्टर स्ट्रोक खेला, उससे बिहार में सियासी उथल-पुथल शुरू हो गई. बीजेपी ने दिग्गज समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया है. उसके बाद श्रेय लेने की राजनीति शुरू हुई और बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू तीनों दलों के नेता आपस में भिड़ गए. इसके बाद अगले दिन ही जब जेडीयू ने कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती का अपना अलग कार्यक्रम रखा तो उसमें परिवारवाद पर सीधा बोला. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार का कहना था कि, जैसे कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया, वैसे ही हम भी अपने परिवार को राजनीति से दूर रखते हैं. जबकि कुछ लोग तो अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं. नीतीश के इस हमले को खासतौर पर आरजेडी में लालू परिवार और कांग्रेस में गांधी परिवार से जोड़कर देखा गया.
फिर रोहिणी आचार्य हुई एक्टिव
फिर क्या था. लालू प्रसाद यादव की चहेती बेटी रोहिणी आचार्य एक्टिव हो गई और इशारों ही इशारों में सीएम नीतीश कुमार पर करारा तंज कस दिया. रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिये एक या दो नहीं बल्कि ताबड़तोड़ तीन पोस्ट किया और तीनों ही पोस्ट में सीएम नीतीश पर परिवार से लेकर उनके सार्वजनिक जीवन पर तंज कसा. खबर की माने तो, नीतीश को जानकारी मिली तो उन्होंने तल्ख तेवर दिखाए और अपने पीआर टीम से रिपोर्ट तलब कर ली. उसके बाद से शुरू हुआ बिहार की राजनीति में हलचल का दौर. बीजेपी ने अपने प्रदेश नेतृत्व को दिल्ली तलब कर लिया. प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी और एलओपी विजय कुमार सिन्हा समेत राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की. इधर, पटना में मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर लालू प्रसाद यादव ने करीबी नेताओं के साथ बैठकें की. आगे की रणनीति और सियासी भविष्य को लेकर चर्चा और मंथन शुरू कर दिया. इसके बाद ताबड़तोड़ बैठकों का दौर चलता रहा. रातों-रात हलचल मच गई और राजनीति से जुड़े नेता मुलाकात के लिए एक-दूसरे के आवास पहुंचने लगे.
जेडीयू और बीजेपी कर रही इनकार
बात करें आज की तो गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच दूरियां भी दिखी. वहीं, इन तमाम गतिविधियों के बीच बिहार की राजनीति के लिए आज यानि कि शुक्रवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सूत्र की माने तो, दोपहर बाद नीतीश कुमार गठबंधन को लेकर कोई फैसला ले सकते हैं. बिहार विधानसभा के भंग होने की भी अटकलें तेज हो गई हैं. अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव के साथ बिहार में विधानसभा का चुनाव हो सकता है. हालांकि, बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी का कहना था कि यह बैठकें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की तैयारियों के संबंध में हो रही हैं. जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने चर्चाओं का खंडन किया और कहा कि, इंडिया ब्लॉक सलामत है. गठबंधन में सब कुछ ठीक है. हमारी पार्टी खुद को इंडिया ब्लॉक का जनक मानती है. हमने राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उन चिंताओं को दूर करने के लिए कहा है, जो तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे सहयोगियों ने जताई हैं. दरअसल, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और पंजाब में AAP अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं.