हाल ही में डब्ल्यूएफआई यानी भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव हुए थे, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीत हुई थी. संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के नए चीफ बन गए थे. इसके बाद हालांकि काफी ज्यादा बवाल हुआ. पहलवानों ने काफी विरोध किया. वहीं दूसरी ओर बृजभूषण और संजय सिंह की पहलवानों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जारी थी. लेकिन अब खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई पर बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ को ही निलंबित कर दिया है.
सरकार ने WFI की नई बॉडी को किया निलंबित
खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नई बॉडी को निलंबित कर दिया है. संजय सिंह की मान्यता को रद्द कर दिया गया है. सरकार के इस बड़े फैसले के पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि डब्ल्यूएफआई की नई बॉडी का पूरा कंट्रोल पुराने लोगों के हाथ में है, जोकि खेल संहिता की पूरी तरह अवहेलना है. संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर को चीफ बनने के बाद अंडर 15 और अंडर 20 नेशनल रेसलिंग के ट्रायल नंदिनी नगर गोंडा में आयोजन करवाने की बात की थी.
हालांकि उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना और डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है. डब्ल्यूएफआई के संविधान की प्रस्तावना के खंड 3 (ई) के अनुसार, डब्ल्यूएफआई का उद्देश्य, अन्य बातों के अलावा, कार्यकारी समिति द्वारा चयनित स्थानों पर UWW नियमों के अनुसार सीनियर, जूनियर और सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की व्यवस्था करना है.
आपको बता दें कि डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक अपनी सभी गतिविधियों को निलंबित करने का निर्देश दिया गया है. फेडेरेशन का बिजनेस पूर्व पदाधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसरों से चलाया जा रहा है, जो कथित परिसर भी है जिसमें खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है और अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है.