MOTIHARI-बिहार के बाहुबली नेता पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा है कि वीरों और नदियों की न कोई जात होती है और न कोई स्थान होता है ,वो जहां से चलता है वहीं से रास्ता बन जाता है । इसके साथ ही खुद के बाहुबली कहे जाने के सवाल पर आनंदमन ने कहा कि दबंग व बाहुबली होना कोई बुरी बात नही है ।दबंग होंने से अगर लूटेरों व भ्रष्ट अधिकारियों में ख़ौफ़ पैदा करता है तो दबंग व बाहुबली होना ही बेहतर है.
अपनी पत्नी लवली आनंद को शिवहर से चुनाव जिताने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे आनंद मोहन ने मोतिहारी में मीडिया कर्मियों से बात की और कई तीखे सवालों का जवाब दिया. आनंद मोहन ने कहा कि मेरे 27 महीने का कार्य लोगो के 27 सालों पर भारी है और मैंने ही एमपी को जन जन तक पहुंचाया है ।
लोग मुझे बाहुबली कहते है लेकिन लोग ये क्यों नही कहते है कि मेरी पुस्तक राजकमल जैसी प्रतिष्ठित प्रकाशन से प्रकाशित हुई है ।लोग ये क्यों नही कहते है कि मेरी पहली पुस्तक जिसे मैंने जेल से लिखी थी वो संसद भवन के ग्रंथागार में रखी गई है ।लोग ये क्यों नही कहते है कि मेरी पहली पुस्तक जिसे मैंने जेल से ही लिखी थी वो सीबीएसई में पढ़ाई जाती है और यहां के बच्चे उसे अपने पाठ्यक्रम के माध्यम से जानकारी लेते है ।
बताते चलें कि लवली आनंद के खिलाफ में राजद ने रितु जायसवाल को मैदान में उतारा है. रितु जायसवाल वैश्य समाज से आती हैं. इससे संबंधित सवाल पर आनंद मोहन ने कहा कि
वैश्यों को ये तय करना है कि उनका नेता नरेंद्र मोदी है या फिर बिहार को लालटेन गुग में ले जानेवाले लोग हैं या अपहरण युग के लोग होंगे ।।
नरेंद्र मोदी ने काम किया है और जनता उन्हें इनाम दे रही है और इसबार 400 के पार सीटें होगी.
मोतिहारी से प्रशांत की रिपोर्ट