कथित तमिलनाडु हिंसा मामले में जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप की मां मधु देवी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने लेटर के माध्यम से तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन पर NSA लगाने की मांग की. मनीष कश्यप की मां मधु देवी ने कहा कि उनके बेटे ने क्या गलती की थी जिसपर NSA लगाया गया?
मनीष कश्यप की मां ने कहा कि मैंने माना मेरे बेटे की वजह से दो राज्यों में टकराव की स्थिति हुई. उदयनिधि की वजह से देश में टकराव की स्थिति बन गई है. इसलिए मेरे बेटे जैसे उदयनिधि स्टालिन पर NSA लगाकर कार्रवाई की जाए.
बता दें, उदयनिधि ने दो सितंबर को कहा था कि मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है. सनातन भी इसी तरह है. अब चार दिन बाद उन्होंने पहली बार सफाई दी. उन्होंने कहा कि 'वे किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं. उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया.' उदयनिधि ने गुरुवार को चार पेज के स्टेटमेंट में अपनी बातों को साफ किया.
समझिए पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार
दो सितंबर को उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए. वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की. उदयनिधि ने कहा- जिस तरह मलेरिया और कोरोना को खत्म किया जाना जरूरी है उसी तरह सनातन भी है. उदयनिधि के इस कमेंट पर बीजेपी आईटे सेल हेड अमित मालवीय ने X पर लिखा, उदयनिधि की बातों से यह लगता है कि सनातन को मानने वाली 80 प्रतिशत आबादी का नरसंहार कर दो.
तीन सितंबर को उदयनिधि ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात फिर दोहराई. बोले कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को खत्म कर दिया जाना चाहिए. ये बात मैं लगातार कहूंगा. कुछ लोग बचकाना व्यवहार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैंने नरसंहार के लिए आमंत्रित किया है. उदयनिधि ने कहा कि पीएम मोदी भी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए?
छह सितंबर को चेन्नई में मीडिया से बातचीत में उदयनिधि ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. वे हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि जातिगत भेदभाव जैसी सनातन प्रथाओं के खिलाफ हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद के इनॉगरेशन पर इनवाइट नहीं करना इसका ताजा उदाहरण है.
मनीष पर बिहारी मजदूरों का फर्जी वीडियो वायरल करने का आरोप
तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो शेयर करने को लेकर यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ी थी. इस मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज की थी. जब इस केस में छापेमारी शुरू हुई तो कई दिनों तक गिरफ्तारी के डर से मनीष कश्यप बिहार छोड़कर फरार हो गया था. उसकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी हुई थी.
बेतिया पुलिस ने 18 मार्च को दूसरे केस में मनीष के घर की कुर्की जब्ती शुरू की तो उसने स्थानीय थाने में सरेंडर किया. उसी दिन पटना से गई EOU की टीम ने उसे अपने केस में कब्जे में लिया था. रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ की और उसे जेल भेज दिया था. मनीष कश्यप अभी पटना की बेऊर जेल में है. मनीष कश्यप के सरेंडर करने के तुरंत बाद तमिलनाडु पुलिस की टीम पटना पहुंची थी. 30 मार्च को ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु पुलिस अपने साथ ले गई थी. तमिलनाडु पुलिस ने मनीष कश्यप को मदुरई कोर्ट में पेश किया था. तब से मनीष कश्यप वहां की जेल में बंद है. वहां जाने के बाद ही उसके ऊपर NSA लगाया गया. बेतिया कोर्ट में पेशी के दौरान मनीष के समर्थकों ने फूल बरसाए थे.
EOU ने चार केस दर्ज किए थे
मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के खिलाफ पटना में EOU ने कुल चार केस दर्ज कर रखे हैं. जिसमें दो केस में यूट्यूबर की पेशी हुई. इसमें पहला केस तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल करने से जुड़ा है. दूसरा केस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मौत पर जश्न मनाने और आपत्तिजनक शब्द कहे जाने का पुराना वायरल वीडियो है. मार्च में तमिलनाडु प्रकरण के दौरान ही इस मामले में सोशल वर्कर निशांत वर्मा ने EOU से शिकायत की थी. उनके बयान पर 24 मार्च को यह केस दर्ज किया गया था.