फर्जी अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई : चिकित्सक और कर्मी अस्पताल छोड़कर फरार, लगा ताला...
बगहा से खबर है जहां धडल्ले से कई फर्जी हॉस्पिटल संचालित किए जाने का खुलासा हुआ है। जिसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग आगे की कार्रवाई में जुटी है।

Bettiah : बगहा से खबर है जहां धडल्ले से कई फर्जी हॉस्पिटल संचालित किए जाने का खुलासा हुआ है। जिसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग आगे की कार्रवाई में जुटी है। आपको बता दें कि, पं. चम्पारण जिले के सीविल सर्जन के आदेश पर दो सदस्यों की मेडिकल टीम नें हरनाटांड स्थित कटहरवा में अवैध क्लिनिक पर छापेमारी की। वहीं अनुमंडल अस्पताल के बगल में दो-दो चाइल्ड केयर अस्पताल बगैर रजिस्ट्रेशन और फर्जी चिकित्सक के धडल्ले से चल रहे थे। इतना ही नहीं, अस्पताल के अंदर दवा दुकानें भी बगैर लाइसेंस और बीना किसी फरमाशिष्ट के अवैध रूप से चलाए जा रहें थे। हालांकि, पं. चम्पारण के सीविल सर्जन विजय कुमार के निर्देश पर जांच टीम नें रेड कर कार्रवाई तेज कर दिया है। वहीं, बताया जा रहा है कि, फेक चाइल्ड केयर हॉस्पिटल का खुलासा तब हुआ जब सीएस के आदेश पर डॉक्टर अमरेश सिंह और डॉ. के. बीएन सिंह द्वारा इन अस्पतालों की गहन जांच की गई। हालांकि, रेड की भनक पर चिकित्सक और कर्मी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए। वहीं जो कर्मी मौजूद मिले उन्होंने बगैर रजिस्ट्रेशन नंबर के कोई पुख्ता या संतोषजनक कागजात नहीं पेश किए। इसी कारण अब इन तीनों अस्पतालों को ब्लैक लिस्ट करते हुए कार्रवाई का दावा किया जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए जांच अधिकारी डॉक्टर अमरेश सिंह ने बताया कि, उनके द्वारा अपोलो चाइल्ड केयर और बुद्धा हॉस्पिटल समेत कटहरवा अस्पताल की जांच की गई है। जिसमें तीनों अस्पताल में मरीज मिले । जहां न कोई चिकित्सक मिला और न ही कोई स्वास्थ्य प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी मिले। सबसे बड़ी बात है कि, इन फेक हॉस्पिटल में कोई पारामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं था। अपोलो हॉस्पिटल के अस्पताल प्रबंधक रोशन गिरी और बुद्धा के व्यवस्थापक कन्हैया कुमार से जब अस्पताल संबंधित और चिकित्सक से संबंधित कागजात मांगे गए तो उनके पास कोई कागजात नहीं मिला। क्योंकि तीनों अस्पताल में कोई भी रजिस्ट्रेशन नहीं पाए गए हैं। बगैर रजिस्ट्रेशन ये सभी अस्पताल चलाये जा रहें हैं। इतना ही नहीं कई जगह अस्पताल के भीतर ही बगैर लाइसेंस दवा दुकानें भी चलाई जा रहीं हैं। जहां से भर्ती बच्चों को दवा मुहैया कराई जाती है।
अस्पताल में कौन कौन चिकित्सक काम करते हैं, इस पर डॉ. सिंह ने बताया कि जांच में कई सारे गंभीर खुलासा हुए हैं। जिसकी रिपोर्ट सीएस बेतिया को भेजी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि, ये सभी तीनों अस्पताल बगैर रजिस्ट्रेशन बगैर पारा मेडिकल स्टॉफ के चलाए जा रहे हैं। बता दें कि, नेपाल और उतर प्रदेश की सीमा स्थित बगहा में दर्जनों फर्जी अस्पताल और मेडिकल स्टोर समेत लैब बगैर निबंधित और विशेषज्ञ के चलाए जा रहे हैं। जहां मरीजों के जान माल से खिलवाड़ कर उनका शोषण किया जा रहा है। जिसकी भी समय रहते सघन जांच जरूरी है।
बेतिया से आशिष कुमार की रिपोर्ट
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