पटना सिटी का ऐतिहासिक मंगल तालाब बना जलजमाव और गंदगी का गढ़, प्रशासन बेपरवाह !
पटना सिटी का ऐतिहासिक मंगल तालाब, जो कभी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु हुआ करता था। आज नर्क का दृश्य पेश कर रहा है। करीब ढाई हजार साल पुराना यह तालाब, जहां हर शाम दशमेश पिता श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जीवनी पर आधारित वॉटर..

Patna City : पटना सिटी का ऐतिहासिक मंगल तालाब, जो कभी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु हुआ करता था। आज नर्क का दृश्य पेश कर रहा है। करीब ढाई हजार साल पुराना यह तालाब, जहां हर शाम दशमेश पिता श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जीवनी पर आधारित वॉटर लेजर शो पर्यटकों को आकर्षित करता है। अब गंदगी और बदबू का स्रोत बन चुका है। साथ ही, लोग सुबह-सुबह मॉर्निंग बाक करते हैं लेकिन बीते कई हफ्तों से हुई बारिश ने तालाब परिसर को जलजमाव से बेहाल कर दिया है।
पानी की निकासी न होने के कारण तालाब और उसके आसपास की गलियों में लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पटना सिटी 2 का कार्यालय भी इसी परिसर में है, जहां तक पहुंचने में पुलिसकर्मियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
तालाब में जगह-जगह मरी हुई मछलियां, प्लास्टिक की बोतलें, शराब के खाली पैकेट, जूते-चप्पल और अन्य कचरे तैरते दिखाई दे रहे हैं। इससे न केवल दृश्य प्रदूषण हो रहा है, बल्कि तेज दुर्गंध से स्थानीय नागरिकों का जीना भी दूभर हो गया है।वहीं, तालाब के पास स्थित सिटी स्कूल का हाल भी बुरा है।
स्कूल के मैदान में पानी भरा हुआ है, जहां भैंसें घूम रही हैं और कुछ लोग ताश खेलने को मजबूर हैं। सवाल यह उठता है कि पटना के कई हिस्सों से पानी निकल चुका है, लेकिन मंगल तालाब जैसे इतिहासिक स्थल पर गंदगी क्यों बनी हुई है? अब देखना यह है कि नगर निगम, स्थानीय प्रशासन और संवेदनशील विभाग कब जागेंगे और कब इस बदहाल तालाब को उसका पुराना गौरव वापस दिलाएंगे?
पटना सिटी से मुकेश कुमार की रिपोर्ट