Patna : गंगा नदी ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। दानापुर अनुमंडल के दियारा क्षेत्र में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा के कारण सैकड़ों परिवार दहशत में हैं। गंगा का जलस्तर लगातार तीन घंटे में 5 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है और यह खतरे के निशान से लगभग पौने दो फीट ऊपर बह रही है। बाढ़ का पानी तेजी से गांवों और खेतों में घुसने लगा है जिससे हालात भयावह होते जा रहे हैं।
दियारे में करीब 1000 एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूब चुकी है। कई गांवों के लोग अब पलायन की तैयारी में जुट गए हैं। यदि जलस्तर में वृद्धि इसी रफ्तार से जारी रही तो अगले 24 घंटे में पूरा दियारा इलाका जलमग्न हो सकता है।
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के चलते गंगहारा, हेतनपुर, पुरानी पानापुर, मानस, कासीमचक व अकिलपुर पंचायतों के दर्जनों गांवों में लगभग तीन लाख आबादी बाढ़ की चपेट में आ चुकी है। दियारे की सात पंचायतों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट चुका है। ग्रामीण सड़कों पर तीन-चार फीट पानी बह रहा है, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं और हर ओर सिर्फ सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा है।
एसडीओ दिव्या शक्ति ने आज वोट पर सवार होकर दानापुर अनुमंडल के विभिन्न दियारा गांव का निरीक्षण किया उसके बाद उन्होंने बताया कि संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है। 22 नावों का निबंधन किया जा चुका है हर एक पंचायत में दो दो नाव दिया गया है एसडीआरएफ के दो नाव को भी लगाया गया हैऔर बाढ़ राहत शिविर मैं लोगों के रहने के लिए व्यवस्थाएं कर दी गई है पशुओं के लिए चारा की भी व्यवस्थाएं कर दी गई है है। कम्युनिटी किचन और मवेशियों के लिए चारा की व्यवस्था की गई है।
वहीं अंचलाधिकारी चंदन कुमार ने बताया कि प्रत्येक पंचायत में दो-दो नावें उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा SDRF की दो टीमों को भी स्टीमर के साथ तैनात किया गया है, जो राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं।
SDRF के सब इंस्पेक्टर विजय प्रसाद ने बताया कि, एक टीम तैनात है जिसमें 10 लोग शामिल होते हैं दो वोट होती है जिसे नासरीगंज घाट पर लगाया गया है और जरूरत पड़ने पर हम लोग 24 घंटे आपदा के कार्य में लगे हुए हैं। दियारा के पतलापुर गांव के रहने वाले उपेंद्र सिंह ने प्रशासन की व्यवस्था पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि सरकारी सुविधा के अभाव में बीती रात एक युवक की सांप काटने से मौत हो गई। अगर समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होती तो युवक की जान बचाई जा सकती थी। गांवों में लोग अब घुटने भर पानी में रहने को मजबूर हैं।
सरकार की तरफ से दियारा में भी खाने पीने की व्यवस्था कराई जाए। वहीं लालजी ने कहा कि, बहुत दिक्कत हो गया है बिजली कट गया है मोबाइल चार्जिंग में भी दिक्कत हो रही है अगर तबीयत खराब हो रहा है तो दानापुर अस्पताल जाने में भी बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तस्वीर मे आप देख सकते है कि किस तरह से नाव के सहारे दियारा के लोग अपने परिवार के साथ जानवर लेकर नाव से दानापुर पहुंच रहे है प्रशासन के तरफ से इनके लिए न तो नाव की व्यवस्था की गई है ना स्वास्थ्य संबंधी कोई व्यवस्था की गई है पशुओं के लिए चारा का भी व्यवस्था नहीं किया गया है । बस भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है बाढ़ पीड़ित बताते है कि हम लोगों के घर में पानी घुस गया है पशुओं का चारा भी खत्म हो गया है किसी तरह हम लोग जान बचाने के लिए नाव के सहारे दानापुर पहुंचे हैं इस संकट के समय नाव वाला भी एक पशु का भाड़ा 1000 ले रहा है हम लोग को कोई देखने वाला नहीं है सरकारी व्यवस्था नदारत है
दानापुर से पशुपतिनाथ शर्मा की रिपोर्ट
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