Madhubani : बिहार के मधुबनी जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां दुष्कर्म के एक आरोपी ने जमानत पाने के लिए जेल के अंदर ही पीड़िता से शादी रचा ली। यह घटना मधुबनी जिला कारागार में हुई, जिसने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है। इस मामले ने कानूनी और सामाजिक दोनों दृष्टिकोणों से कई सवाल खड़े किए हैं। आइए, जानते हैं इस पूरे मामले की सच्चाई।
मधुबनी जेल में पहली बार हुई इस तरह की शादी।
कोर्ट की अनुमति और प्रशासन की निगरानी में सम्पन्न हुई रस्में।
आरोपी को शादी के बाद जमानत पर मिली रिहाई।
घटना पर कानूनी और सामाजिक हलकों में गहन बहस।
मधुबनी के रहने वाले एक युवक पर 2024 में एक नाबालिग लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी से इनकार कर दिया। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मधुबनी जिला जेल भेज दिया था। मामला पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत दर्ज किया गया था। पीड़िता ने यह भी बताया कि वह गर्भवती हो गई थी, जिसके बाद आरोपी ने उससे दूरी बना ली।
जेल में बंद होने के बाद, आरोपी ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की। उसने कोर्ट में दावा किया कि वह पीड़िता से शादी करने को तैयार है और उसकी जिम्मेदारी लेगा। इस दावे के आधार पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसे सशर्त जमानत दी, जिसमें एक शर्त यह थी कि वह जेल से रिहा होने के तीन महीने के भीतर पीड़िता से शादी करेगा। हालांकि, इस मामले में एक अनोखा मोड़ तब आया जब आरोपी ने जेल के अंदर ही पीड़िता से शादी करने का फैसला किया। मधुबनी जेल प्रशासन की अनुमति और कोर्ट के निर्देश के बाद, जेल परिसर में ही एक साधारण समारोह में दोनों की शादी संपन्न हुई।
जेल में शादी की अनुमति
पीड़िता ने भी कोर्ट के सामने शादी के लिए हामी भर दी। इसके बाद कोर्ट ने विशेष अनुमति देते हुए मधुबनी जेल परिसर में ही शादी की रस्म पूरी कराने का आदेश दिया। स्थानीय प्रशासन और जेल अधिकारियों की मौजूदगी में बाकायदा पंडित बुलाकर आरोपी और पीड़िता की शादी कराई गई। शादी के समय दोनों परिवारों के कुछ सदस्य भी मौजूद रहे। पुलिस सुरक्षा के बीच मंगलसूत्र पहनाने और सात फेरे लेने की प्रक्रिया संपन्न हुई। शादी के प्रमाण पत्र भी तैयार करवा दिए गए।
इस शादी में पीड़िता के परिवार के कुछ सदस्य और जेल के अधिकारी मौजूद थे। शादी के बाद, कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी, और उसे रिहा कर दिया गया। हालांकि, इस मामले ने कई सवाल उठाए हैं। कुछ लोग इसे पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक कदम मान रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह जमानत पाने का एक हथकंडा मात्र है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस तरह के मामलों में पीड़िता की सहमति और उसकी भविष्य की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
पुलिस और कोर्ट अब इस बात की निगरानी कर रहे हैं कि आरोपी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करता है या नहीं। मधुबनी पुलिस ने कहा कि वे इस मामले पर कड़ी नजर रख रहे हैं ताकि पीड़िता को कोई नुकसान न हो। यह मामला बिहार में चर्चा का केंद्र बना हुआ है, और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
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