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बिहार के युवक ने पूरे भारत में रचा इतिहास, सरकारी स्कूल से पढ़कर बना इसरो में वैज्ञानिक... पूरे भारत में हासिल किया प्रथम स्थान

गौनाहा प्रखण्ड के कुंदन कुमार ने ऑल ओवर इंडिया में प्रथम स्थान प्राप्त कर इसरो में वैज्ञानिक बनकर प्रखंड और जिला का नाम रौशन किया है।

"Bihar ke yuvak ne poore Bharat mein racha itihaas, sarkari
सरकारी स्कूल से पढ़कर बना इसरो में वैज्ञानिक- फोटो : Darsh News

Bettiah : गौनाहा प्रखण्ड के कुंदन कुमार ने ऑल ओवर इंडिया में प्रथम स्थान प्राप्त कर इसरो में वैज्ञानिक बनकर प्रखंड और जिला का नाम रौशन किया है। कुंदन कुमार के पिता विजय जायसवाल और माता प्रभावती देवी का कहना है कि, उसके सफलता के पीछे माता-पिता के अलावा गुरु और दादा स्व. सुरेंद्र प्रसाद जायसवाल उर्फ़ नेताजी समेत दादी देवंती देवी का काफी योगदान रहा है। जो पूर्व पंचायत समिति सदस्य भी रही हैं। कुंदन 2025 में डीआरडीओ (DRDO) में हैदराबाद से ऑल ओवर इंडिया में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। 2025 में ही इसरो में ऑल ओवर इंडिया में प्रथम रैंक लाकर केरल के तिरुवनंतपुरम में वैज्ञानिक के पद पर ज्वाइन किया।


कुंदन के परिवार सहित पूरे गौनाहा के लोगों में इस बात की खुशी है कि, गौनाहा का लाल ऑल ओवर इंडिया में प्रथम स्थान प्राप्त कर वैज्ञानिक बना है। उसके परिजन बताते हैं कि, कुंदन मंगुराहां गांव के प्राथमिक स्कूल से 1-5 तक की शिक्षा प्राप्त की थी। उसने 6-10 तक की पढ़ाई मिलिट्री स्कूल बेंगलुरु से प्राप्त की । उन्होंने 10 + 2 की पढ़ाई राजस्थान के कोटा शहर में मित्तल इंटरनेशनल स्कूल से की थी। आईआईटी कानपुर से बीटेक और एमटेक की डिग्री 2019 में हासिल की थी। उन्होंने ऐरो स्पेस इंजीनियरिंग कानपुर से ही की थी। कैंपस सलेक्शन होने के बाद 2019 में बेंगलुरु में ही कैटर पिलर अमेरिकन कंपनी में काम किया। वहां से 2021 में केरल के इसरो तिरुवनंतपुरम में अपना योगदान दिया। पुनः गेट की तैयारी के लिए उन्होंने 1 साल बाद इस नौकरी को छोड़ दी। 2024 में गेट की तैयारी कर ऑल ओवर इंडिया में प्रथम स्थान लाया। 


हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स में पूरे भारत में उसने चौथा रैंक 2024 में ही लाया था। यूएसए और ऑस्ट्रेलिया मे इन्होने पिएचइडी के लिए इंट्रेन्स परीक्षा दी थी, जिसमें युनिवर्सिटी ऑफ़ इलिनिओस अरबाना कोम्पेन शिकागो यूएस, यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सस एर्लिंगटोन यूएस तथा युनिवर्सिटी ऑफ़ क्वीनसलैंड ऑस्ट्रेलिया से बुलावा आया था। कुंदन के माता-पिता एक साधारण परिवार से हैं। बच्चों की पढ़ाई में उन्होंने अपनी पूरी कमाई और ताकत लगा दी थी। कुंदन की छोटी बहन डॉक्टर लवली कुमारी एसकेएमसीएच अस्पताल मुजफ्फरपुर में हाल ही में योगदान की है। ऐसे ही कुंदन का छोटा भाई डॉक्टर कौशल जयसवाल एलएनएम सेंट्रल रेलवे अस्पताल गोरखपुर में योगदान किया है। कुंदन के माता-पिता एक साधारण किसान है, जो खेती-बारी कर अपने परिवार की परवरिश करते हुए बच्चों को अच्छी शिक्षा दी। उनका एक लड़का इसरो में वैज्ञानिक बना है तो दूसरा लड़का डॉक्टर बना है। इकलौती बच्ची भी उनकी डॉक्टर बन गई है। पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।



बेतिया आशिष कुमार की रिपोर्ट


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