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लंदन-पेरिस की तरह मॉर्डन होगा बिहार, विकास कार्यों पर खर्च होंगे 13 हजार करोड़; जानिए कब मिलेगी सौगात

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अगले वित्तीय वर्ष (2024-25) में बिहार को केंद्र से लगभग 13 हजार करोड़ रुपये मिलने की आशा है. यह राशि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलेगी. इसमें से सर्वाधिक राशि नगर निकायों को मिलेगी और उसके बाद पंचायती राज संस्थाओं को.

नगर निकायों के लिए 6639 करोड़, पंचायती राज संस्थाओं हेतु 4120 करोड़ और आपदा नियंत्रण व प्रबंधन मद में 2185 करोड़ रुपये मिलने वाले हैं. इस राशि से ग्राम पंचायतों में विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक केंद्र आदि विकसित होंगे.

दीर्घकालिक और नियमित आधार पर दूषित जल का प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, खुले में शौच से मुक्ति आदिक से संबंधित योजनाओं पर भी यह राशि खर्च हो सकेगी. नगर निकायों में भी इसी तरह के काम होने हैं.

इन विकास कार्यों को मिलेगी रफ्तार

इसके अतिरिक्त 1249.2 करोड़ रुपये पंचायतों और नगर निकायों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मिलेंगे. इसमें अधिकांश राशि पंचायतों को 997.13 करोड़ और नगर निकायों को 252.07 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस राशि से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में अतिरिक्त स्वास्थ्य संबंधी अधिसंरचनाएं विकसित होंगी. कुछ चयनित पीएचसी को वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा.

इन संरचनाओं को सुघड़-सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य, नगर विकास एवं आवास और पंचायती राज विभाग मिलकर काम करेंगे. स्वास्थ्य केंद्रों में भवन निर्माण, लैब, स्टोर, दवा वितरण काउंटर जैसी आधारभूत संरचनाएं बेहतर की जाएंगी. उल्लेखनीय है कि वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्रीय करों में राज्यों की उनकी हिस्सेदारी मिलती है. यह राज्यों का अधिकार होता है. 2025 में 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल भी पूरा होने वाला है.

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