बिहार में भी बीएड पास प्राइमरी (पहली से पांचवीं) टीचर नहीं बन पाएंगे. मंगलवार को बीपीएससी और शिक्षा विभाग के बीच हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है. इसके बाद शिक्षक भर्ती में शामिल 3 लाख 90 हजार बीएड पास कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है. अब सिर्फ डीएलएड का रिजल्ट 14 सितंबर को जारी होगा.
बिहार में 1 लाख 70 हजार 461 शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. परीक्षा हो गई है. रिजल्ट का इंतजार है. पहली से पांचवीं कक्षा के लिए 3 लाख 90 हजार बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हिस्सा लिया था. इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी बीपीएससी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच मंगलवार को बैठक हुई है.
इसलिए ऐसा किया
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए प्राइमरी टीचर के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था. इस फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी छात्र प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे. केवल बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले छात्र ही कक्षा पांचवीं तक पढ़ाने के लिए पात्र माने जाएंगे.
शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मीटिंग में शामिल रहे
बीपीएससी और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी इसमें शामिल हुए थे. न्यूनतम कितने अंकों पर रिजल्ट जारी किया जाए, इस पॉइंट पर भी चर्चा हुई. बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने पिछले दिनों मीडिया से कहा था कि कक्षा 9 से 12 तक के कई विषयों में रिक्ति की तुलना में अभ्यर्थियों की संख्या कम है.
25 सितंबर तक कक्षा 9 से 12 तक शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी होगा
निर्धारित रिक्ति के 75 प्रतिशत तक रिजल्ट देने की तैयारी है. वैसे कक्षा 9 से 12 तक शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 25 सितंबर तक जारी होगा. इस माह के अंत तक कक्षा 1 से 5 तक का भी रिजल्ट आ जाएगा.
वहीं, कक्षा 9 से 12 तक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के लिए प्रमाण पत्रों की जांच कराने की अंतिम तिथि 12 सितंबर से बढ़ा कर 14 सितंबर तक कर दी गई है. इस संबंध में बीपीएससी के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक सत्यप्रकाश शर्मा ने सोमवार को सूचना जारी की.
बीएड अभ्यर्थियों को मध्य शिक्षक नियुक्ति में कुछ लाभ मिल सकता है
पटना ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर आशुतोष कुमार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि बीएड वाले प्राथमिक शिक्षक नहीं बनेंगे. चूंकि एनसीटीई ने अपनी वेबसाइट पर कोर्ट की जजमेंट को अपलोड किया है, मतलब साफ है कि एएनसीटीई उक्त निर्णय को मान रही है. इसलिए इतना तो तय है कि बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की 1 से 5 कक्षा के लिए शिक्षक में नियुक्ति नहीं होगी.
ये हो सकता है कि सीटेट पास बीएड अभ्यर्थियों को मध्य शिक्षक नियुक्ति में कुछ लाभ देने की योजना हो. हालांकि,अभी यह कहा नहीं जा सकता. जब तक कि शिक्षा विभाग स्पष्टरूप से कुछ जारी नहीं करता है. डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन भी हमेशा रिजल्ट के बाद होना चाहिए.