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हिंसा की आग में जल उठा हरियाणा, नूंह-गुरुग्राम-पलवल में क्यों भड़के दंगे, कैसे एक से दूसरे जिलों तक पहुंची हिंसा? पढ़ें FIR

नूंह में भड़की हिंसा की आग हरियाणा के कई शहरों में पहुंच गई है. हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई है. पलवल, सोहाना, मानेसर और पटौदी में इंटरनेट बंद है. विश्व हिंदू परिषद ने हिंसा के विरोध में आज देशव्यापी प्रदर्शन भी बुलाया है. वहीं, हिंसा को लेकर नूंह, गुरुग्राम, पलवल जिलों में घटना से जुड़ी 40 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं......नूंह से शुरू हुई हिंसा अन्य जिलों में कैसे पहुंची? किस जिले में किस वजह से हिंसा की शुरुआत हुई? कहां कितना नुकसान हुआ है? अलग-अलग थानों में दर्ज पुलिस की एफआईआर में क्या-क्या है? आइये जानते हैं…

शुरुआत नूंह से करते हैं… 

नूंह: 31 जुलाई और एक अगस्त को हुई हिंसा के केंद्र में नूंह ही रहा. यहां की घटनाओं से जुड़ी 15 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इनमें से नूंह शहर थाने में 10 और नूंह सदर थाने में पांच मामले दर्ज किए गए हैं. 

घटना 1:  थाना शहर नूंह में दर्ज पहली एफआईआर के मुताबिक, अडबर चौक नूंह पर एक पुलिस टीम तैनात थी. इसी बीच तावडू की तरफ से मजहबी नारे लगाती करीब 600-700 उग्र असामाजिक लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव और अवैध हथियारों से फायर किया. फायरिंग में निरीक्षक अनिल कुमार के पेट में गोली लगी, जिससे वो घायल हो गए और इस गोलीबारी और पत्थरबाजी में ASI जगबीर अपराध शाखा सैक्टर 40 गुरुग्राम भी जख्मी हो गए.

घटना 2:  थाना शहर नूंह में दर्ज दूसरी एफआईआर के मुताबिक, 31 जुलाई को करीब साढ़े तीन बजे मेवात धार्मिक जलाभिषेक यात्रा के दौरान उग्र हुई हजारों की संख्या में हमलावर भीड़ ने अचानक थाना साइबर क्राइम नूंह को चारों तरफ से घेर लिया और पथराव शुरु कर दिया. उपद्रवियों ने बस से टक्कर मारकर थाने की दीवार और मेन गेट को तोड़ दिया. कुछ उपद्रवकारियों ने थाने की दीवार और छतों पर चढ़कर अपने पास रखे अवैध असला से पुलिस पर सीधे फायर किये. पुलिसवालों ने भी जवाबी फायर किए.

इसी दौरान दंगाईयों ने थाने के मेन गेट के बाहर खड़ी थाना सदर तावडू की सरकारी और निजी और प्राइवेट वाहनों में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. इसके साथ ही थाने में घुसकर यहां खड़े प्राइवेट वाहनों को पत्थरों, लाठी डंडों से तोड़फोड़ की तथा मोटरसाइकिल पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. थाने के कमरों में रखे हुऐ सामान, करीब पांच हजार रुपये व अन्य जरुरी कागजात को लूट ले गए.

घटना 3:  थाना शहर नूंह में दर्ज तीसरी एफआईआर के मुताबिक, मेवात धार्मिक जलाभिषेक यात्रा की ड्यूटी के दौरान एक पुलिस टीम झंडा पार्क नूंह पर मौजूद थी. इसी दौरान जैसे ही मेवात धार्मिक जलाभिषेक यात्रा झण्डा पार्क के पास पहुंची तो एक दम से करीब 600/700 आदमी अपने अपने हाथों में लाठी डण्डा पत्थर और अवैध हथियार लेकर यात्रा में आने वाले लोगों और आने जाने वाले वाहनों तथा पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला कर दिया. जब पुलिसकर्मी उग्र भीड़ को रोकने के लिए गऊ शाला मोड नूंह पर पहुंचे तो भीड़ में शामिल लोगों ने पुलिसवालों को लाठी डंडों और पत्थरों से चोटें मारी और अवैध देशी कट्टों से फायर किए. थाना शहर नूंह में इसी तरह की और भी एफआईआर दर्ज हैं.

यहीं दर्ज एक एफआईआर के मुताबिक, पुलिस की एक टीम कानून-व्यवस्था ड्यूटी के लिए थाना खेड़ी दौला से जिला नूंह के लिए रवाना हुई. इसी डयूटी के लिए गुरुग्राम और मानेसर की दो टीमें भी सरकारी बस में साथ थी. जब पुलिस की गाडियां साइबर थाना नूंह के पास अनाज मण्डी गेट के पास पहुंची तो अचानक रोड पर बहुत अधिक संख्या में लोग आ गये. घातक हथियार से लैस लोगों ने सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर फेंके और पुलिस का रास्ता रोक लिया और पथराव करते हुए गोलियां चलानी शुरु कर दीं. इन लोगों ने पुलिस कर्मचारियों की बर्बरता पिटाई की और इनके मोबाईल और पर्स जबरदस्ती छीन लिए. पुलिस ने हवाई फायर करते हुए अपनी जान बचाई और घायल साथियों को किसी साधन का प्रबंध करके अस्पताल भिजवाया. इस घटना में करीब आधा दर्जन सिपाहियों को चोटें आईं. एक पुलिस कर्मी गुरसेव को गंभीर चोटें होने के कारण सामान्य अस्पताल सोहना गुरुग्राम मे भर्ती कराया गया. कुछ अन्य साथी पुलिसकर्मी वेदान्ता हस्पताल गुरुग्राम में भर्ती हुए. नूंह अनाज मण्डी गेट के सामने हुई घटना में लगी चोटों के कारण दो पुलिसकर्मियों नीरज और गुरसेव की मृत्यु हो गई.

घटना 4:  थाना सदर नूंह में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, मुकुल कथुरिया बतौर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट मेवात धार्मिक जलाभिषेक यात्रा ड्यूटी पर नियुक्त थे. उसी समय एक विशेष धर्म के करीब 800-900 लोगों ने मेवात धार्मिक जलाभिषेक यात्रा में बाधा डालने के मकसद से पथराव कर दिया. इसके साथ ही ये लोग अवैध हथियारों से कथुरिया और भक्तों के ऊपर फायर करने लगे. ड्यूटी मैजिस्ट्रेट ने उग्र भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन इन लोगों ने अधिकारी और भक्तों के ऊपर पत्थर और अंधाधुंध गोली चलाकर जानलेवा हमला कर दिया और धर्मस्थल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. हमले में ड्यूटी मैजिस्ट्रेट और उनके ड्राइवर बाल-बाल बच गये.

घटना 5:  थाना सदर नूंह में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, 31 जुलाई को सिपाही मनदीप सिंह और वासुदेव पुलिस लाइन के कोत से कारतूस डीएसपी पुनहाना अशोक कुमार को देने के लिए मोटर साईकिल पर नल्हड़ रोड जा रहे थे. जब ये लोग गांव बींवा में एक दुकान के सामने पहुंचे तो एक मोटरसाइकिल सवार ने पुलिसकर्मियों की मोटरसाइकिल में टक्कर मार दी. इसके बाद बाइक सवार नकाबपोशों ने अवैध असले से उन पर सीधा फायर करके हमला कर दिया. हमले में दोनों बाल-बाल बचे और फिर अचानक एक दुकान पर खड़े 40-50 लाठी डंडों से लैस आदमियों ने उन्हें घेर लिया और उग्र भीड़ में से किसी ने सिपाही मनदीप सिंह के सिर पर लाठी से हमला कर दिया जो उनके हेलमेट पर लगी. हमले से सिपाही का हेलमेट टूट गया और उन सब ने मिलकर सिपाही का सारा असला और कारतूस लूट लिया. कर्मियों ने अपनी मोटरसाइकिल वहीं छोड़कर पहाड़ी के रास्ते से भागकर अपनी जान बचाई.

घटना 6:  थाना सदर नूंह में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, पानीपत निवासी महेश सिंह 31 जुलाई को अपने चचेरे भाई अभिषेक (उम्र 22 साल) जलाभिषेक ब्रज मन्डल यात्रा मेवात दर्शन के लिए पानीपत से नल्हड़ स्थित धर्मस्थल पर आये हुए थे.  शाम करीब पांच बजे 800-900 उपद्रवी मजहबी नारा लगाते धर्मस्थल के परिसर की तरफ साथ लगी पहाड़ियों से यहां ठहरे यात्रियो के ऊपर ईंट पत्थर फेंकने लगे. ये लोग गोलीबारी भी कर रहे थे. इतने में ही एक गोली अभिषेक को सीने पर लगी और वह वहीं पर लहूलूहान होकर गिर पड़े. इन्हीं उपद्रवियों में से एक व्यक्ति ने अपने हाथ में तलवार ली हुई थी. इस उपद्रवी ने अभिषेक की गर्दन पर तलवार से वार कर दिया. महेश ने वहीं एक तम्बू में छिपकर अपनी जान बचाई. इन लोगों ने अभिषेक पर काफी पत्थर भी बरसाये. जब थोड़ी देर में वहां पुलिस आ गई और उपद्रवी गोली चलाते-चलाते पहाड़ी पर चढ़ गये। उधर अभिषेक को पुलिसकर्मियों की सहायता से नल्हड़ मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। जहां पर डाक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया.

गुरुग्राम में कौन-कौन सी घटनाएं हुईं?

31 जुलाई और एक अगस्त को नूंह हुई हिंसा का असर बाद में गुरुग्राम में देखा गया. यहां की घटनाओं से जुड़ी 15 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इनमें से सबसे ज्यादा सोहना शहर थाने में 10 मामले दर्ज किए गए हैं.

थाना सिटी सोहना में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, एसआई पुलिस की जिप्सी चालक सिपाही बलदेव, हेड कांस्टेबल विनोद, सिपाही पवन ड्यूटी पर नूंह मे हुए सांप्रदायिक दंगों के चलते कानून व्यवस्था के लिए अंबेडकर चौक सोहना पर मौजूद थे. इसी बीच, सूचना मिली की शिव कुंड के पास स्थित धर्मस्थल में उग्र भीड़ ने तोड़फोड़ करके आग लगा दी है. इस सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची. उसी समय सूचना मिली कि इसी उग्र भीड़ ने लेबर चौक पर बने एक और धर्मस्थल में तोड़फोड़ की. इस सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम अग्निशमन की गाड़ी बुला कर आग पर काबू पाया. इसी तरह राजीव गांधी पार्क के पास स्थित धर्मस्थल में भी तोड़फोड़ को लेकर भी एक एफआईआर दर्ज की गई है.

ACP क्राइम वरुण दहिया ने बताया कि सेक्टर 57 स्थित धर्मस्थल में भीड़ ने इकट्ठा होकर एक घटना को अंजाम दिया जिसमें दो लोग घायल हुए थे और एक की मौके पर ही मौत हो गई, दूसरे व्यक्ति की हालत स्थिर है.

पलवल में हिंसा आगजनी से जुड़ी 10 एफआईआर में क्या है?

नूंह और गुरुग्राम में हुई हिंसा का असर बाद में पलवल जिले तक भी पहुंच गया. यहां की घटनाओं से जुड़ी 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इनमें से पलवल शहर थाने में तीन, हाथिन थाने में दो और होडल थाने में पांच मामले दर्ज किए गए हैं.

थाना शहर पलवल में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, नूंह में हुई हिंसा के विरोध में भीड़ प्रदर्शन कर रही थी. इनमें से 50-60 अज्ञात लोगों ने मिनार गेट पर स्थित धर्मस्थल पर लाठी डंडों से लैस होकर हमला कर दिया. हमले में वहां मौजूद लोगों को चोटें लगीं. उपद्रवियों ने धर्मस्थल के अन्दर तोड़फोड़ और आगजनी की. 

इसी तरह एक अन्य एफआईआर के मुताबिक, दयानन्द स्कूल के पास स्थित धर्मस्थल पर भी हमला हुआ. थाना होडल पलवल में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, कुछ शरारती तत्वों ने काली मूर्ती के पास बने धर्मस्थल पर तोड़फोड़ करके आग लगा दी. ठीक इसी तरह की तीन अन्य घटनाएं बिजली बोर्ड दफ्तर के पास, गांधी चौक सराफा बाजार के पास और रामनगर में भी हुईं.

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