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बिहार की राजनीति में खलबली मचाने के बाद अब झारखंड का सियासी पारा चढ़ाएंगे CM नीतीश, जानें कैसे

बिहार की राजनीति में खलबली मचाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अगला टारगेट झारखंड है. नए साल की जनवरी महीने में नीतीश कुमार झारखंड का सियासी पारा बढ़ाने वाले हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए जेडीयू के नेतृत्व में बड़ा बदलाव हो चुका है. ललन सिंह को अध्यक्ष की कुर्सी से उतारकर नीतीश कुमार ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली है. अब वह अपनी पार्टी के विस्तार की रणनीति पर काम शुरू करने वाले हैं. बिहार से सटे राज्य झारखंड में जेडीयू अपनी पकड़ बनाना चाहती है. 

इसके लिए जनवरी महीने में झारखंड में नीतीश कुमार एक बड़ी रैली करने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक, 21 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार झारखंड के रामगढ़ में एक जनसभा करने वाले हैं. जेडीयू की ओर से इस कार्यक्रम का नाम 'नीतीश जोहार' रखा गया है. इस कार्यक्रम के बाद जेडीयू तय करेगी कि उसे झारखंड में कितनी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ना है. झारखंड में नीतीश कुमार की रैली से सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों में बेचैनी देखने को मिल रही है. 

दरअसल, झारखंड में लोकसभा की कुल 14 सीटें हैं. प्रदेश में हेमंत सोरेन की पार्टी JMM, लालू यादव की RJD और कांग्रेस का पहले से गठबंधन है. 2019 में कांग्रेस 9 सीटों पर, 4 सीटों पर JMM और एक सीट पर राजद चुनाव लड़ी थी. उस वक्त कांग्रेस ने अपने हिस्से से दो सीटें JVM को दी थी. अब JVM कांग्रेस गठबंधन के साथ नहीं है. ऐसे में RJD और JMM दोनों इन सीटों को लेने की कोशिश में हैं. वहीं अब JDU भी अपना दावा ठोकेगी तो सीटों को लेकर पेंच फंस सकता है. 

वहीं बिहार की सत्ता में भी परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार जनवरी महीने में एक बार फिर से एनडीए का हिस्सा बन सकते हैं. नीतीश के पटना लौटने के बाद से बीजेपी काफी एक्टिव दिखाई दे रही है. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शनिवार (30 दिसंबर) को तकरीबन 5 घंटे तक मैराथन बैठक की. इस बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि लगता है बिहार में एक बार फिर से सत्ता परिवर्तन का योग बन रहा है. 

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