रांची : 01 दिसम्बर, 2024। विश्व हिंदू परिषद झारखण्ड प्रांत द्वारा रांची के रेलवे स्टेशन, बगलामुखी हनुमानु मंदिर में विरोध प्रदर्शन किया गया। विहिप झारखण्ड प्रांत के मंत्री मिथिलेश्वर मिश्र ने कहा कि बांग्लादेश प्रशासन द्वारा वहां के इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त करते हुए उसे वहाँ के प्रशासन की कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है। बजरंग दल प्रांत संयोजक रंगनाथ महतो ने कहा कि बंगला देश तत्कालीन सरकार के इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करती है। इस्कॉन संस्थान तथा हिंदू समाज के संगठनों ने अभी तक अपने बंगला देशी हिन्दु उत्पीडन के विरोध में जितनी भी कार्यवाहियां की हैं, सभी लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया है। किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है। इस प्रकार के पूर्ण शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्त्व को, जो एक वर्ग का भी नेतृत्व करते हैं, इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना, उनको बंद करना उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है, अमानवीय है और हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन भी है।
विहिप के प्रांत अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत ने कहा कि हम प्रारंभ से ही मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथी, इस्तामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने, वैश्विक संगठनों ने इस घटनाक्रम पर जितनी चिंता व्यक्त करनी चाहिए थी जैसी रोक लगानी चाहिए थी। ऐसी रोक नहीं लगाई है। विश्व हिंदू परिषद पूरे विश्व समुदाय से यह अपेक्षा करती है कि वहां पर हो रहे घटनाक्रम को ध्यान से देखे, उसकी गंभीरता को समझे और बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए, सुरक्षा की जाए।
विहिप प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह ने कहा कि भारत सरकार का प्रति-उत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है। पह सही है कि एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए ठीक नहीं है परंतु, एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व, सारे पड़ोसी देश, भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है लेकिन लंबे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।
विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि विश्व समुदाप इन सब घटनाओं को उनके संज्ञान में ले, बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के उत्पीड़न को रोके। हम तुरंत प्रभाव से इस्कॉन के मुख्य पुजारी श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी की रिहाई की मांग करते हैं। और किसी भी प्रकार के हिंदू नेता की, हिंदू पुजारी को, गुरु को बिना किसी कारण के गिरफ्तार करने की किसी भी प्रकार की मानसिकता से बांग्लादेश सरकार बचे, पह अपेक्षा भी करते हैं।